WTC फ़ाइनल में मिली हार के बाद जिस तरह से चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम चुनी है उससे साफ होता है कि वह एक नई भारतीय टीम बनाना चाहते हैं.
वेस्टइंडीज के लिए खेलने गई भारतीय टीम में अनुभव के साथ-साथ युवा खिलाड़ियों के जोश की अच्छी साझेदारी देखने को मिल रही है. सोशल मीडिया में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वेस्टइंडीज दौरे से भारतीय नई टेस्ट टीम का जन्म हो गया है. इन युवा खिलाड़ियों के आने से निश्चित तौर पर कुछ खिलाड़ियों को नुकसान भी उठाना पड़ेगा तो आइए जानते हैं कि वह कौन से खिलाड़ी हैं जिनके लिए अब टेस्ट में वापसी करने का सपना सपना ही बनकर रह सकता है.
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले मुकाबले में भारतीय टीम ने 141 रन और एक पारी से मैच जीता जिसके बाद इस बात की और भी पुष्टि हो गई है कि इस टीम को अभी तो नहीं छेड़ा जाएगा. अपने डेब्यू मुकाबले में यशस्वी जयसवाल ने 171 रन की पारी खेली जिसके कारण उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया. इस पारी के बाद उन्होंने यह भी संकेत दे दिया कि वह इतनी आसानी से अब टीम से अलग होने वाले नहीं है.
इन खिलाड़ियों के लिए बढ़ी मुश्किलें…
35 साल के चेतेश्वर पुजारा के लिए एक बार फिर से टेस्ट टीम में शामिल होना काफी मुश्किल नजर आता है. काफी समय तक टेस्ट टीम में भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा की जिस तरह से छुट्टी की गई है उससे तो यही लगता है कि उन्हें आने वाले समय में टीम में शामिल किया जाने वाला नहीं है. चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए 103 मुकाबले खेले हैं जिनमें उन्होंने 43 की औसत से 7195 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 19 शतक और 35 अर्धशतक भी बनाए हैं लेकिन पिछले 28 टेस्ट मुकाबलों में उनका प्रदर्शन काफी साधारण रहा है जिस कारण उन्हें टीम से बाहर किया गया है.
साहा के लिए भी दरवाजे बंद
आईपीएल में गुजरात के लिए धूम मचाने वाले रिद्धिमान साहा को महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के निर्णय के बाद कई मौके मिले. लेकिन वह एक बल्लेबाज के तौर पर खुद को साबित नहीं कर सके. अब रिद्धिमान सहा 38 साल के हो चुके हैं और ऐसे में उनकी वापसी भी काफी मुश्किल नजर आती है. कुछ ऐसा ही इशांत शर्मा के लिए भी कहा जा सकता है क्योंकि 34 साल के हिसाब शर्मा अब शायद ही भारतीय टीम में वापसी कर सके क्योंकि मौजूदा समय में भारतीय टीम में तेज गेंदबाजों की कोई कमी नजर नहीं आती.